शोध प्रतिमा

(डबल-पीयर-रिव्यूड अंतरानुशासनात्मक ऑनलाइन शोध जर्नल) 

"शोध प्रतिमा" में आपका स्वागत है !

"शोध प्रतिमा" -  सामाजिक विज्ञान और मानविकी के क्षेत्र में ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। हम गर्व से इस ऑनलाइन पत्रिका को हिंदी भाषा पर प्राथमिक ध्यान देने के साथ सामाजिक विज्ञान और मानविकी के विविध पहलुओं की खोज के प्रवेश द्वार के रूप में प्रस्तुत करते हैं।

उद्देश्य और दायरा: "शोध प्रतिमा" सामाजिक विज्ञान और मानविकी में उच्चतम गुणवत्ता वाले अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। हमारा उद्देश्य एक ऐसे मंच को बढ़ावा देना है जो शोधकर्ताओं, प्रोफेसरों और विद्वानों को एकजुट करता है, जो उन्हें समाजशास्त्र, मानव विज्ञान, साहित्य, भाषा विज्ञान, इतिहास, दर्शन, मनोविज्ञान, शिक्षा, राजनीति विज्ञान, भूगोल, अर्थशास्त्र जैसे विभिन्न क्षेत्रों का पता लगाने और योगदान करने में सक्षम बनाता है। सामाजिक कार्य, और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र।

हमारे दायरे में निम्नलिखित शामिल हैं, लेकिन यहीं तक सीमित नहीं हैं:

आप का योगदान:

हम विविध पृष्ठभूमि के शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और विद्वानों को अपने मूल्यवान और अप्रकाशित शोध पत्रों को "शोध प्रतिमा" में योगदान देने के लिए आमंत्रित करते हैं। साथ मिलकर, हम हिंदी भाषा और संस्कृति के संदर्भ में सामाजिक विज्ञान और मानविकी के बहुमुखी पहलुओं की गहरी समझ को बढ़ावा देकर व्यापक अकादमिक अन्वेषण के लिए जगह बना सकते हैं।

इस बौद्धिक यात्रा में हमारे साथ जुड़ें और वैश्विक दर्शकों के साथ अपनी अंतर्दृष्टि साझा करें।

परिपत्र एवं सूचनाएँ

(शोध पत्र प्रस्तुत करने के दिशानिर्देश)

(डबल-ब्लाइंड पीयर समीक्षा के लिए दिशानिर्देश)